Constitution Of India , Part -5, Article - 148 to 151
भारत का संविधान हम, भारत के लोग, भारत को एक सम्पूर्ण प्रभुत्व सम्पन्न समाजवादी, पंथनिरपेक्ष ,लोकतंत्रात्मक गणराज्य बनाने के लिए, तथा समस्त नागरिंकों को: सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक न्याय, विचार, अभिव्यक्ति, विश्चास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता, प्रतिष्ठा और अवसर की समता प्राप्त कराने के लिए, तथा उन सब में व्यक्ति की गरीमा और राष्ट्र की एकता और अखंडता सुनिश्चित करने वाली बंधुता बढाने के लिए दृढसंकल्प होकर अपनी इस संविधान सभा में आज २६ नवम्बर, १९४९ ई ( मिति मार्गशीर्ष शुक्ला सप्तमी, संवत् दो हाजार छह विक्रमी) को एतदद्वारा इस संविधान को अंगीकृत, अधिनियमित और आत्मार्पित करते हैं| भाग ५- संघ अध्याय ५ - भारत का नियत्रंक - महालेखापरीक्षक अनुच्छेद १४८:- भारत का नियंत्रक-महालेखापरीक्षक- (१) भारत का एक नियंत्रक - महालेखापरीक्षक होगा जिसको राष्ट्रपति अपने हस्ताक्षर और मुद्रा सहित अधिपत्र द्वारा नियुक्त करेगा और उसे उसके पद से केवल उसी रीति से और उन्हीं आधारों पर हटाया जाएगा जिस रीति से और जिन आधारों पर उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश को हाटाया जाता है | ...